वैल के अंदर ही धरने पर बैठे भाजपा विधायक; कांग्रेस के मंत्रियों ने ली चुटकी, कहा- आपके लिए डॉक्टर-खाना भिजवा दें
जयपुर। विधानसभा सवा चार बजे ही स्थगित कर दिए जाने के बाद गुस्साए बीजेपी के विधायक नेता प्रतिपक्ष गुलाब चंद कटारिया और राजेंद्र राठौड़ के नेतृत्व में वैल के अंदर ही धरने पर बैठ गए। कुछ सो गए। कुछ रूपा राम मेघवाल जैसे गीत गाने लगे। इस बीच ऐलान हुआ कि अब सीएम को बजट नहीं पेश करने देना है। स्पीकर और सरकार का बहुत हो गया अत्याचार। अब आर पार की लड़ाई लड़ेंगे। सदन में बजट के दिन सीएम मार्शल से उठवाकर बाहर निकालेंगे तभी हटेंगे। नहीं तो धरना जारी रहेगा। इस बीच कुछ विधायकों ने कहा रजाइयां बिस्तर मंगवा लेते हैं। कुछ ने कहा- खाने का बोलना है। लेकिन सरकार के मंत्री और विधायक छेड़ने से कहां रुकने वाले थे।
चिकित्सा मंत्री रघु शर्मा आए और बोले आपके इलाज के लिए डाक्टर भिजवा दूं। ममता भूपेश भी कुछ मदद चाहिए तो बोलो.. बिस्तर आदि भिजवा देते हैं। अमीन कागजी आए और बोले.. वैष्णव भोजनालय का कहो तो पवित्र भोजन भिजवा देता हूं। बोलो.. क्या चाहिए। ऐसा करते हुए करीब एक दर्जन सत्ता पक्ष के मंत्री विधायकों ने बीजेपी के धरने का मजाक उड़ाया। यह सुन बीजेपी विधायक बोले.. आपने मरीज मंत्री और विधायकों को बाहर ले जाओ और उनका इलाज करवाओ।
कटारिया झूठे निकले, 2015 में सदन में बोले थे कि किसान लटक जाए तो मैं क्या करूं: धारीवाल
बीजेपी के भारी हंगामे और करीब डेढ़ घंटे धरने के बाद मामला शांत हुआ ही था कि संसदीय कार्य मंत्री शांति धारीवाल ने फिर नया विवाद छेड़ दिया। वे सदन से बाहर आए और अपने हाथ में दो पेज लिए हुए थे। धारीवाल ने दावा किया कि ये देखो 2015 की प्रोसीडिंग। कटारिया झूठ निकले। यह साबित हो गया कि कटारिया ने 25 मार्च 2015 को सदन के अंदर कहा था कि कोई पेड़ पर लटक कर मर जाए तो मैं क्या करूं? अब वे कह रहे थे कि प्रूवन करो। ये रहा प्रूफ। अब अगले दिन सदन में आने से पहले कटारिया अपना इस्तीफा भी साथ लेकर निकले। धारीवाल ने साफ कहा है कि बजट से ठीक एक दिन पहले सदन में सब कुछ सामान्य नहीं रहने वाला है। धारीवाल ने शाम करीब छह बजे विधानसभा का रिकॉर्ड दिखाते हुए कहा कि कटारिया कल इस्तीफा लेकर ही आएं। कटारिया ने कहा था कि जो पेड़ पर लटक कर मर जाता है, उसको भी अगर हमारे खाते में दर्ज करवाना चाहेगा तो यह उचित नहीं होगा। वे आपदा राहत मंत्री थी और 2015 में यह सदन के अंदर बोला था। इसका मतलब क्या है। रमेश मीणा के स्थगन प्रस्ताव पर कटारिया ने यह बयान दिया था। यह विधानसभा के रिकॉर्ड पर है।