शासकीय कर्मचारी हाउसिंग सोसायटी की वरीयता में गड़बड़ी की शिकायत, कलेक्टर ने संयुक्त आयुक्त को जांच सौंपी

शासकीय कर्मचारी हाउसिंग सोसायटी की वरीयता में गड़बड़ी की शिकायत, कलेक्टर ने संयुक्त आयुक्त को जांच सौंपी


इंदौर। सहकारिता विभाग के अफसरों पर ही वरीयता सूची में गड़बड़ी करने के आरोप लगातार सामने आ रहे हैं। देवी अहिल्या यूनिवर्सिटी के पूर्व रेक्टर ने निलंबित उपायुक्त राजेश कुमार क्षत्री सहित तीन अफसरों पर शिकायत वापस लेने का दबाव बनाने का आरोप लगाया था। अब शासकीय कर्मचारी गृह निर्माण संस्था के एक सदस्य ने कलेक्टर को शिकायत की है कि प्रशासक ने अपात्रों को वरीयता सूची में शामिल कर लिया है। कलेक्टर ने संयुक्त आयुक्त को पत्र भेजकर सूची की फिर से जांच करने के आदेश दिए हैं।


संयुक्त आयुक्त जगदीश कनौज को भेजे गए पत्र में मूल शिकायत पत्र भी शामिल है। इसमें लिखा है कि संस्था में नियमानुसार उन्हीं लोगों को सदस्य बनाकर वरीयता क्रम में रखा जाना था मध्यप्रदेश सरकार के तृतीय व चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारी है। नगर निगम सीमा में ही नौकरी करते हों, लेकिन विभाग की ओर से नियुक्त किए गए प्रशासक ने वरीयता क्रम बनाते वक्त इसका ध्यान नहीं रखा। ऐसे लोगों को सदस्य बना दिया जो सरकारी कर्मचारी नहीं है। इनका निवास भी इंदौर से बाहर है। संयुक्त आयुक्त का कहना है कि कलेक्टर के आदेश के तहत जांच शुरू कर दी गई है। वरीयता सूची के हर सदस्य का सत्यापन किया जाएगा। उनके नगर निगम सीमा में सरकारी कर्मचारी होने के प्रमाण मांगे जाएंगे। नियमानुसार दस्तावेज नहीं हुए तो सदस्यों को बाहर किया जाएगा।