नेहरू, लता भी मुरीद थे प्रशांत पोहा के
लक्ष्मीनारायण जी के यहां दूध पीने आते थे गुलजार, कहते थे- कब तक मुंबई से बुलवाओगे, मुंबई ही आ जाओ
इंदौर । मशहूर प्रशांत पोहा वाले दत्तात्रेय जोशी (92) का 9 फरवरी को निधन हो गया। पिछले दिनों जेएमबी के संचालक मांगीलाल जैन (87) और दूधवाले लक्ष्मीनारायण कटारिया (94) का भी निधन हो चुका है। जोशी, जैन और कटारिया इंदौर को जो जायका परोस गए, वह हमेशा हमारे बीच जीवित रहेगा।
1. प्रशांत के पोहे; 71 साल पहले ठेले से शुरुआत, सुबह 4 बजे से तैयारी
प्रशांत के पोहे की शुरुआत अण्णा (पुरुषोत्तम जोशी) ने की थी। उसके बाद निजामपुर से उन्होंने अपने भाई दत्तात्रेय जोशी को भी बुलवा लिया। ठेला लगाया और 1949 में जूना तुकोगंज में शुरुआत की। जोशी हमेशा कहते थे पोहे का असल स्वाद बारीक सेंव में ही है। पं. जवाहरलाल नेहरू, स्वर कोकिला लता मंगेशकर, उस्ताद अमीर खां जैसी हस्तियां भी इनके पोहे का स्वाद चख चुकी हैं। तय समय पर पोहा मिले, इसके लिए सुबह 4 बजे से तैयारियों में जुटे रहते थे। एक जोड़ी कपड़े लेकर इंदौर आए जोशी की राजबाड़ा पर अपनी खुद की पोहे की दुकान है।
2. लक्ष्मीनारायण दूधवाले; 6 दशक पहले 5 लीटर दूध से की शुरुआत
छावनी में लक्ष्मीनारायण दूधवाले। छावनी में छह दशक पहले पांच लीटर उधार के दूध से शुरुआत हुई। अटल बिहारी वाजपेयी, माधवराव सिंधिया, गुलजार, राहुल द्रविड़, सोनू निगम भी यहां दूध का लुत्फ उठा चुके हैं। कटारिया के बेटे शांतिलाल जैन बताते हैं गुलजार साहब जब भी इंदौर आते तो दूध पीए बगैर नहीं जाते थे। वे पिता से कहते थे, कब तक हमें मुंबई से बुलवाओगे, मुंबई आओ, वहां दुकान खोलो, सारी व्यवस्थाएं हम करवा देंगे। दुकान में आज रोज 900 लीटर से ज्यादा दूध बिकता है।
3. जैन मिठाई भंडार; हलवा और पूरी की दुकान से 1959 में की शुरुआत
जैन मिठाई भंडार (जेएमबी) के आज शहर में सात आउटलेट हैं। इसकी शुरुआत की थी मांगीलाल जैन ने। 1959 में इन्होंने मोरसली गली में हलवा-पूरी-सब्जी अौर पोहे की दुकान से शुरुआत की। छह पैसे में पूड़ी बेचते थे। उनके साथ दोनों भाई भी सहयोग करते थे। बाद में इन्होंने रामपुरा बिल्डिंग के पास भी शुरुआत की। उसके बाद हाई कोर्ट के सामने जेएमबी के नाम से दुकान खोली। बेटे दिलीप जैन ने बाद में कैटरिंग का कार्य भी शुरू किया। आज इंदौर के साथ प्रदेश अौर मुंबई-दिल्ली समेत अन्य स्थानों पर भी कैटरिंग करते हैं।