नगरीय निकायों ने शिक्षा उपकर लेने के बाद भी उसका पूरा उपयोग नहीं किया, हाई कोर्ट ने जारी किया नोटिस
इंदौर। प्रदेश में नगरीय निकायों द्वारा टैक्स के रूप में शिक्षा उपकर लिए जाने, लेकिन उसका पूरा उपयोग नहीं किए जाने को लेकर हाई कोर्ट में जनहित याचिका दायर की गई थी। हाई कोर्ट ने याचिका के आधार पर राज्य सरकार और नगर निगम को नोटिस जारी किए हैं। चार सप्ताह में जवाब पेश करना है। याचिकाकर्ता के वकील मनीष विजयवर्गीय ने याचिका में उल्लेख किया है कि 2017-18 में नगर निगम को शिक्षा उपकर के रूप में कुल 60 करोड़ 27 लाख 16 हजार रुपए मिले थे, लेकिन इन रुपयों का पूरा उपयोग नहीं किया गया। 2018-19 में इन रुपयों में से महज सात करोड़ 92 लाख रुपए ही खर्च किए गए। यह पैसा भी केवल बाउंड्रीवाल और पेवर ब्लाक लगाने के रूप में इस्तेमाल किया गया, जबकि स्कूलों के अंदर माली हालत बहुत खराब है। टेबल, कुर्सी, बिल्डिंग, पेयजल के अच्छे इंतजाम नहीं है, जबकि यह पैसा पूरा का पूरा नगर निगम के अधीन आने वाले स्कूलों के परिसर में ही खर्च किया जाना है।
इंदौर सहित प्रदेशभर की नगरीय निकायों को साल निगम को टैक्स केे रूप में पैसा मिल रहा है, लेकिन इस अनुपात में खर्च नहीं किया जा रहा है। हाई कोर्ट ने इस आधार पर नोटिस जारी कर सरकार से जवाब मांगा है। मार्च अंत में इस मामले की अगली सुनवाई हो सकती है।