4 मिनट में कृषि उपज मंडी संशोधन, जनाधार बिल पास और सदन स्थगित, फिर डेढ़ घंटे धरने पर बैठी रही भाजपा
जयपुर। राजस्थान विधानसभा में राजनीतिक बदलाव से भरे जन आधार प्राधिकरण विधेयक 2020 पर सबसे अधिक बहस और राजनीतिक हमले होने थे। मगर उसे रखे जाने से ठीक एक मिनट पहले कुछ ऐसा हो गया कि विपक्ष बिल की प्रक्रिया में शामिल ही नहीं हो पाया और भारी हंगामे के बीच महज 4 मिनट के अंदर दो महत्वपूर्ण बिल पास हो गए। हुआ यूं कि जन आधार बिल से ठीक पहले कृषि उपज मंडी संशोधन विधेयक पास करवाते वक्त संसदीय मंत्री शांति धारीवाल ने नेता प्रतिपक्ष गुलाब चंद कटारिया पर हमला बोल दिया। धारीवाल ने कहा कि कटारियाजी... आप वही हैं न जिसने अपने शासन के दौरान हाड़ौती में 75 किसानों की आत्महत्या पर कहा था.... कोई पेड़ पर लटककर मर जाए तो मैं क्या करूं? यह सुनकर कटारिया ने कहा- ये मेरे शब्द हैं तो मैं अभी सदन छोड़कर हमेशा के लिए चला जाऊंगा। मंत्री को धमकाया...खड़े हो जाओ....खड़े हो जाओ.... बताओ किस दिन बोला... प्रूव करो....?
मुंह पर हथेली रखकर मचाते रहे शोर-शराबा
इस पर बीजेपी ने पहले वॉकआउट कर दिया और दो मिनट में ही लौटकर वैल पर कब्जा जमा दिया। भ्रष्टाचारी सरकार का नाश हो.. के नारे लगाते रहे। अध्यक्ष सीपी जोशी ने बीजेपी के वाॅकआउट और नारेबाजी के बीच ही विपक्षी 8 विधायकों के एक साथ नाम पढ़ लिए, जब लाहोटी बोलने लगे तो मना कर दिया। कहा-चले जाओ यहां से बाहर। अब कोई नहीं बोलेगा। सीधे संयम लोढ़ा का नाम पुकार लिया। इससे गुस्साए विपक्ष नेता वैल में दोनों बिल पास होने तक मुंह पर हथेली रखकर शोर-शराबा मचाते रहे, लेकिन चार मिनट में ही दोनों बिल पास करवाकर जोशी ने सदन की कार्यवाही ही स्थगित कर दी।
कटारियाजी आज इस्तीफा साथ लेकर घर से निकलें
बीजेपी का धरना समाप्त करवाए जाने के बाद संसदीय कार्य मंत्री शांति धारीवाल ने फिर नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया पर हमला कर दिया। पिछली सरकार के समय की प्रोसीडिंग के पेपर दिखाते हुए धारीवाल ने मीडिया को बताया कि यह देखो प्रूफ। अब यह साबित हो गया कि गुलाबचंद कटारिया ने ऐसा बोला था कि कोई पेड़ पर लटक जाए तो मैं क्या करूं? अब सदन में आने के लिए घर से बुधवार को कटारियाजी निकलें तो साथ में अपना इस्तीफा भी लेकर आएं।
धरने पर बैठे विपक्ष ने चेताया
20 को सीएम तभी बजट पढ़ पाएंगे, जब हमें मार्शल से बाहर फिंकवाएंगे, बाद में स्पीकर जोशी ने मनाया तो माने
यूं चली मान मनुहार
- 4:16 बजे : बीजेपी और आरएलपी विधायक सदन के अंदर ही धरने पर बैठ गए।
- 4:23 बजे : अनिश्चितकालीन धरने का ऐलान हो गया। (नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया, राजेंद्र राठौड़, किरण माहेश्वरी आदि ने आधे घंटे में सदन में ही बिस्तर मंगवाने का फैसला कर दिया।)
- चेतावनी भी दे डाली कि 20 फरवरी को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत तभी बजट पढ़ पाएंगे, जब बीजेपी और आरएलपी के सभी विधायकों को मार्शल से उठवाकर बाहर फेंका जाएगा। नहीं तो बजट पेश नहीं होने देंगे। रातदिन धरना जारी रहेगा।
- 5:24 बजे : राठौड़ सीपी जोशी के कक्ष में गए। फिर सीपी सदन में धरनास्थल गए और मान मनुहार चली। जोशी ने कहा कि कभी-कभी अध्यक्ष के निर्णय करने के संबंध में परसेप्शन में अंतर हो जाता है। कई बार विवाद हो जाता है। मैंने सदन को सुचारू चलाने का आग्रह किया है। कटारिया ने भी बाद में कहा-उनकी बात सीपी ने सुनी। वे मान गए। धरना समाप्त कर दिया।